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भाग्य लक्ष्मी 30 दिसंबर 2021 पूर्ण लिखित एपिसोड


               लक्ष्मी सड़क के किनारे मंदिर में प्रार्थना करती है और पूछती है कि उसे खोजने के लिए कहाँ जाना है।  वह भगवान से उसे ऋषि देने के लिए कहती है।  एक महिला उसे सुनती है और तथास्तु कहती है।  महिला उसे उस रास्ते जाने और अपनी मंजिल पाने के लिए कहती है।  लक्ष्मी ने उनका धन्यवाद करते हुए हाथ जोड़े और घायल पैरों के साथ चल दिए।  वह सही रास्ता दिखाने के लिए माता रानी को धन्यवाद देती हैं।  मलिष्का ने घाटबंधन का कपड़ा तेजी से बांधा।  तूफान भारी हो जाता है।  लक्ष्मी मलिष्का के घर पहुंचती है और उसका नाम और ऋषि बुलाती है।  वह सोचती है कि पीछे कोई रास्ता हो सकता है।  बारिश शुरू होते ही ऋषि और मलिष्का चक्कर लगाने लगते हैं।  पंडित जी कहते हैं कि अब कैसे फेरे होंगे।  मलिष्का कहती है कि ऐसा होगा और ऋषि से इसे जल्दी करने के लिए कहता है।  बारिश के कारण हवन की आग बुझ जाती है।  


                 नीलम घरवालों को बताती है कि ऋषि मलिष्का के घर में है।  मलिष्का ऋषि के पास आती है और बताती है कि पंडित जी ने कहा कि भगवान नहीं चाहते कि हम शादी करें और इसलिए ऐसा हुआ है।  ऋषि कहते हैं मलिष्का।  मलिष्का कहती हैं कि वह नेगेटिव क्यों सोचते हैं।  वह कहती है कि वह जाएगी और अपनी पोशाक बदलेगी, और उसे भी बदलने के लिए कहेगी।  लक्ष्मी अपने पैरों से छेदा हुआ नुकीला शीशा निकालती हैं।  मलिष्का उसे बाहर से मंगलसूत्र लाने के लिए कहती है, कि इसके बिना शादी कैसे होगी।  ऋषि मंगलसूत्र लेने निकल पड़ते हैं।  लक्ष्मी उठकर सोचती है कि यहाँ किसकी शादी हो रही है।  ऋषि वहां आते हैं और मंगलसूत्र प्राप्त करते हैं।  तभी विवाह वेदी गिर जाती है।  लक्ष्मी उसे चिल्लाते हुए सुनती है और ऋषि को चिल्लाती है।





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